श्री वाराही कवचम् ॐ नमो गुड़, गुड़ रे तूं गुड़, गुड़ तामड़ा मसान केलिकरंताजा, उसका देग उमा सब हर्ष हमारी आस खसम को देखे जलै बसे। हमको देवै साकि रुचलै चालि चालि रे कालिका के पूत जोगी संगम और अवधूत सोती होय जगाय लाव, न लावै तो माता कालिका की https://vashikaran-totke00009.full-design.com/how-much-you-need-to-expect-you-ll-pay-for-a-good-वश-करण-म-त-र-क-स-च-ह-ए-78048893